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नागपुर में एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस का उपचार

एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस का इलाज: विस्तृत जानकारी

एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस (Ankylosing Spondylitis – AS) एक प्रकार का गठिया है जो मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डियों को प्रभावित करता है, जिससे उनमें सूजन (inflammation) आ जाती है। समय के साथ, यह रीढ़ की हड्डियों के आपस में जुड़ने (फ्यूजन) का कारण बन सकता है, जिससे जकड़न और लचीलेपन में कमी आती है। हालांकि इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन विभिन्न उपचारों के माध्यम से लक्षणों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। यदि आप नागपुर में एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस के इलाज की तलाश कर रहे हैं, तो यह लेख आपको विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।

एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस क्या है?

एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस एक दीर्घकालिक (क्रोनिक) ऑटोइम्यून बीमारी है। ऑटोइम्यून बीमारियों में, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही स्वस्थ ऊतकों पर हमला करने लगती है। एएस में, यह हमला मुख्य रूप से सैक्रोइलियक जोड़ों (जो रीढ़ की हड्डी को श्रोणि से जोड़ते हैं) और रीढ़ की हड्डी के जोड़ों पर होता है। इससे सूजन, दर्द और अंततः रीढ़ की हड्डियों का आपस में जुड़ना हो सकता है।

इसके अलावा, एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस अन्य जोड़ों जैसे कूल्हों, कंधों और घुटनों को भी प्रभावित कर सकता है। कुछ मामलों में, यह आंखों (यूवाइटिस), आंतों (इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज) और फेफड़ों को भी प्रभावित कर सकता है।

एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस के लक्षण

एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • कमर दर्द (Back Pain): यह अक्सर सुबह या आराम के बाद अधिक गंभीर होता है और गतिविधि से बेहतर महसूस होता है। यह दर्द धीरे-धीरे शुरू होता है और कुछ महीनों तक बना रह सकता है।
  • जकड़न (Stiffness): खासकर सुबह या निष्क्रियता के बाद रीढ़ की हड्डी में जकड़न महसूस होना।
  • कूल्हों और कंधों में दर्द (Hip and Shoulder Pain): एएस बड़े जोड़ों को भी प्रभावित कर सकता है। यदि आपको नागपुर में जॉइंट पेन ट्रीटमेंट की आवश्यकता है, तो एक रुमेटोलॉजिस्ट आपकी स्थिति का आकलन कर सकता है।
  • रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता में कमी (Reduced Spinal Mobility): समय के साथ, रीढ़ की हड्डी का लचीलापन कम हो सकता है, जिससे झुकना मुश्किल हो जाता है।
  • थकान (Fatigue): लगातार थकान महसूस होना एएस का एक आम लक्षण है।
  • आंखों में सूजन और दर्द (Eye Inflammation and Pain – Uveitis): कुछ लोगों को आंखों में दर्द, लालिमा और धुंधली दृष्टि का अनुभव हो सकता है।
  • अन्य जोड़ों में दर्द और सूजन (Pain and Swelling in Other Joints): घुटनों और टखनों जैसे छोटे जोड़ों में भी दर्द और सूजन हो सकती है।
एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस का निदान

एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस का निदान एक विशेषज्ञ रुमेटोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है। निदान में आमतौर पर निम्नलिखित शामिल होते हैं:

चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण (Medical History and Physical Examination): डॉक्टर आपके लक्षणों, पारिवारिक इतिहास और समग्र स्वास्थ्य के बारे में पूछेंगे। वे आपकी रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता और जोड़ों की जांच करेंगे। एक बेस्ट रुमेटोलॉजिस्ट आपकी स्थिति का सही आकलन करने में सक्षम होगा।

इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests):

  • एक्स-रे (X-rays): सैक्रोइलियक जोड़ों और रीढ़ की हड्डी के एक्स-रे एएस में विशिष्ट परिवर्तन दिखा सकते हैं, खासकर बीमारी के बढ़ने पर।
  • एमआरआई (MRI): एमआरआई सूजन और प्रारंभिक जोड़ों के परिवर्तनों का पता लगाने में एक्स-रे से अधिक संवेदनशील है।

रक्त परीक्षण (Blood Tests):

  • एचएलए-बी27 (HLA-B27): यह एक जीन है जो एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस वाले अधिकांश लोगों में पाया जाता है, लेकिन यह जीन होने का मतलब यह नहीं है कि आपको यह बीमारी होगी।
  • सूजन के मार्कर (Inflammation Markers): ईएसआर (ESR) और सीआरपी (CRP) जैसे रक्त परीक्षण शरीर में सूजन के स्तर को माप सकते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि गाउट (Gout) भी जोड़ों में दर्द का कारण बन सकता है, लेकिन यह एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस से एक अलग प्रकार का गठिया है। यदि आपको गाउट ट्रीटमेंट की आवश्यकता है, तो एक रुमेटोलॉजिस्ट दोनों स्थितियों का निदान और प्रबंधन कर सकता है।

एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस का उपचार

एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन उपचार का मुख्य लक्ष्य दर्द और जकड़न को कम करना, रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता बनाए रखना और बीमारी की प्रगति को धीमा करना है। उपलब्ध उपचार विकल्पों में शामिल हैं:

दवाएं (Medications):

  • गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs): ये दर्द और सूजन को कम करने के लिए पहली पंक्ति का उपचार हैं।
  • रोग-संशोधक एंटीरूमेटिक ड्रग्स (DMARDs): सल्फसालजीन और मेथोट्रेक्सेट जैसे पारंपरिक डीएमएआरडीएस परिधीय जोड़ों (रीढ़ की हड्डी के अलावा अन्य जोड़ों) में दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • बायोलॉजिक्स (Biologics): ये दवाएं ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर (TNF) अल्फा या इंटरल्यूकिन-17 (IL-17) जैसे विशिष्ट सूजन-प्रेरक प्रोटीन को लक्षित करती हैं। वे एएस के लक्षणों को प्रभावी ढंग से कम कर सकती हैं और बीमारी की प्रगति को धीमा कर सकती हैं।
  • शारीरिक थेरेपी (Physiotherapy): नियमित व्यायाम और शारीरिक थेरेपी रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता, लचीलापन और मुद्रा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक योग्य फिजियोथेरेपिस्ट आपको विशिष्ट व्यायाम सिखा सकता है जो आपकी स्थिति के अनुरूप हों। यदि आप स्पाइन पेन ट्रीटमेंट या इन्फ्लेमेटरी बैक पेन ट्रीटमेंट की तलाश कर रहे हैं, तो शारीरिक थेरेपी एक महत्वपूर्ण घटक है।

व्यावसायिक थेरेपी (Occupational Therapy): एक व्यावसायिक थेरेपिस्ट आपको दैनिक गतिविधियों को आसान बनाने के तरीके सिखा सकता है, खासकर यदि आपकी गतिशीलता सीमित है।

सर्जरी (Surgery): एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस में सर्जरी की आवश्यकता शायद ही कभी होती है। गंभीर मामलों में, कूल्हे के जोड़ों को बदलने या गंभीर रूप से मुड़ी हुई रीढ़ की हड्डी को ठीक करने के लिए सर्जरी की जा सकती है।

एक बेस्ट रुमेटोलॉजिस्ट आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार एक व्यक्तिगत उपचार योजना विकसित करेगा। वे आपकी प्रतिक्रिया के आधार पर समय-समय पर आपकी उपचार योजना को समायोजित कर सकते हैं।

जीवनशैली में बदलाव और स्व-देखभाल

दवाओं और थेरेपी के अलावा, जीवनशैली में कुछ बदलाव और स्व-देखभाल रणनीतियाँ एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस के प्रबंधन में मदद कर सकती हैं:

  • नियमित व्यायाम (Regular Exercise): सक्रिय रहना महत्वपूर्ण है। तैराकी, चलना और कम प्रभाव वाले व्यायाम लचीलापन बनाए रखने और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • धूम्रपान छोड़ना (Quit Smoking): धूम्रपान एएस के लक्षणों को खराब कर सकता है।
  • अच्छी मुद्रा बनाए रखना (Maintain Good Posture): बैठने और खड़े होने के दौरान सही मुद्रा बनाए रखने से रीढ़ की हड्डी पर तनाव कम हो सकता है।
  • पर्याप्त नींद लेना (Get Enough Sleep): थकान का प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त आराम महत्वपूर्ण है।
  • स्वस्थ आहार लेना (Eat a Healthy Diet): एक संतुलित आहार समग्र स्वास्थ्य और सूजन प्रबंधन में मदद कर सकता है।
  • तनाव प्रबंधन (Stress Management): तनाव लक्षणों को बढ़ा सकता है, इसलिए तनाव कम करने की तकनीकों का अभ्यास करना महत्वपूर्ण है।

एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस एक चुनौतीपूर्ण दीर्घकालिक स्थिति हो सकती है, लेकिन उपलब्ध व्यापक उपचार विकल्पों और एक अनुभवी रुमेटोलॉजिस्ट की देखभाल के साथ, व्यक्ति अपने लक्षणों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं और एक सक्रिय और संतोषजनक जीवन जी सकते हैं। यदि आप या आपका कोई परिचित एएस के लक्षणों का अनुभव कर रहा है, तो जल्द से जल्द एक विशेषज्ञ से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

डॉ. तन्मय गांधी एक अनुभवी सलाहकार रुमेटोलॉजिस्ट और इम्यूनोलॉजिस्ट हैं, जो एमबीबीएस, एमडी (मेडिसिन), एमआरसीपी (यूके) एसईई रुमेटोलॉजी और एफआरसीआई (मणिपाल हॉस्पिटल, बैंगलोर) की प्रतिष्ठित डिग्रियों से सुसज्जित हैं। अपनी विशेषज्ञता के साथ, वे नागपुर में जोड़ों के दर्द, पीठ दर्द, गठिया और अन्य रुमेटिक और इम्यूनोलॉजिकल स्थितियों के रोगियों को व्यापक देखभाल प्रदान करते हैं। डॉ. गांधी सटीक निदान और व्यक्तिगत उपचार योजनाओं के माध्यम से अपने रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए समर्पित हैं।

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